MP Board कक्षा 12 फिजिक्स सब्जेक्ट सिलेबस | MP Board Syllabus of Class 12th Physics

MP Board Syllabus of Class 12th Physics – इस पोस्ट में हम कक्षा 12वीं के भौतिक विज्ञान के सिलेबस को पढ़ेंगे | यहाँ हम जान पाएंगे की कक्षा 12 वीं के भौतिक ( Physics ) में कौन कौन से चैप्टर है तथा किस चैप्टर में क्या पढ़ना होगा |

MP Board Syllabus of Class 12th Physics
MP Board Syllabus of Class 12th Physics

Class 12th Physics Chapter In Hindi

कक्षा 12वीं फिजिक्स में निम्न चैप्टर है –

Unit 1 Electrostatics स्थिर वैघुतिकी

  • 1 Electric Charges and Fields विघुत॒ आवेश तथा क्षेत्र
  • 2 Electrostatic Potential and Capacitance विघुत॒ विभव तथा धारिता

Unit 2 Current Electricity धारा विघुत॒

  • 3 Current Electricity धारा विघुत॒

Unit 3 Magnetic Effects of Current and Magnetism धारा का चुम्बकीय प्रभाव तथा चुम्बकत्व

  • 4 Moving Charges and Magnetism गतिमान आवेश एवं चुम्बकत्व
  • 5 Magnetism and Matter चुम्बकत्व एवं द्रव्य

Unit 4 Electromagnetic Induction and Alternating Currents वैघुट चुम्बकीय प्रेरण तथा प्रत्यावर्ती

  • 6 Electromagnetic Induction विघुत॒ – चुम्बकीय प्रेरण
  • 7 Alternating Current प्रत्यावर्ती धाराएँ

Unit 5 Electromagnetic Waves वैघुट चुम्बकीय तरंगें

  • 8 Electromagnetic Waves वैघुट चुम्बकीय तरंगें

Unit 6 Optics प्रकाशिकी

  • 9 Ray Optics and Optical Instruments किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र
  • 10 Wave Optics तरंग प्रकाशिकी

Unit 7 Dual Nature of Radiation and Matter द्रव्य की द्वैत प्रकृति

  • 11 Dual Nature of Radiation and Matter द्रव्य तथा विकिरण की द्वैत प्रकृति

Unit 8 Atoms and Nuclei परमाणु तथा नाभिक

  • 12 Atoms परमाणु
  • 13 Nuclei नाभिक

Unit 9 Electronic Devices इलेक्ट्रॅनिक युक्तियाँ

  • 14 Semiconductor Electronics : Materials, Devices and Simple Circuits अर्द्धचालक इलेक्ट्रॅनिकी : सामग्रीयाँ, उपकरण एवं सरल सर्किट

Unit 10 Communication Systems संचार व्यवस्थाएँ

  • 15 Communication Systems संचार व्यवस्थाएँ

MP Board Syllabus of Class 12th Physics In Hindi

Unit 1 Electrostatics स्थिर वैघुतिकी

👉 1. विघुत॒ आवेश तथा क्षेत्र (Electric Charges and Fields)

घर्षण विद्युत्, धन तथा ऋण आवेश, आवेश उत्पत्ति का इलेक्ट्रॉनिक सिद्धांत, वस्तु पर आवेश का परीक्षण, चालक तथा कुचालक या विद्युतरोधी आवेशन की विधियाँ , चालन द्वारा आवेशित करना, प्रेरण द्वारा आवेशित करना, आवेशन की चालन एवं प्रेरण विधियों में अंतर, आवेश के संबंध में कुछ प्रमुख तथ्य, आवेश का संरक्षण, आवेश का क्वांटिकरण, आवेश के मात्रक कुलॉम का नियम, स्थिर – विद्युत् तथा गुरुत्वाकर्षण बलों की तुलना, विद्युत् बल पर परावैद्युत माध्यम की उपस्थिति का प्रभाव,कुलॉम के नियम की सीमाएँ, कुलॉम के नियम का महत्व

एकांक आवेश, अनेक आवेशों के मध्य लगने वाला बल, अध्यारोपण का सिद्धांत, विद्युत् क्षेत्र एवं उसका महत्व, विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, बिंदु आवेश के कारण विद्युत् क्षेत्र, अनेक आवेशों के निकाय के कारण विद्युत् क्षेत्र, विद्युत् द्विध्रुव, विद्युत् द्विध्रुव के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, अनूदैर्घ्य अथवा अक्षीय स्थिति में द्विध्रुव के कारणविद्युत् क्षेत्र अनुप्रस्थ अथवा निरक्षीय स्थिति में द्विध्रुव के कारण विद्युत् क्षेत्र, एकसमान विद्युत् क्षेत्र में द्विध्रुव पर बलयुग्म, द्विध्रुव को घुमाने में किया गया कार्य,द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा, सतत् आवेशवितरण

विद्युत् क्षेत्र रेखाएँ, एकसमान विद्युत् क्षेत्र तथा असमान विद्युत् क्षेत्र में क्षेत्र रेखाएँ, विद्युत् क्षेत्र रेखाओं के उपयोग, विद्युत् फ्लक्स, गॉस का नियम, गॉस के नियम के अनुप्रयोग, किसी बिंदु आवेश के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, कुलॉम के व्युत्क्रम वर्ग नियम का निगमन, किसी एकसामान आवेशित चालक गोले के किसी बिंदु पर विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, किसी आवेशित कुचालक ठोस गोले के कारण, अनंत लंबाई के एकसमान आवेशित रेखीय चालक के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता,

अनंत लंबाई के एकसमान आवेशित बेलनाकार चालक के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, एकसमान आवेशित अनंत कुचालक चादर के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, एकसमान आवेशित अनंत कुचालक चादर के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, एकसमान आवेशित अनन्त समतर चालक के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, एकसमान आवेशित दो समान्तर कुचालक चादरों के कारण विद्युत् क्षेत्र की तीव्रता, आवेश एक विद्युत् क्षेत्र के संबंध में कुछ प्रमुख तथ्य|

👉 2. विघुत॒ विभव तथा धारिता (Electrostatic Potential and Capacitance)

विद्युत् विभव (Electric Potential) – विद्युत् विभव का भौतिक अर्थ, विद्युत् विभव की माप, विद्युत् विभवांतर, एक बिंदु आवेश के कारण किसी बिंदु पर विभव, आवेशों के निकाय के कारण विद्युत् विभव, दो बिंदुओं के बीच विभावांतर, विद्युत् द्विध्रुव के कारण किसी बिंदु पर विद्युत् विभव, विद्युत क्षेत्र की तीव्रता तथा विभव में संबंध, विभव को प्रभावित करने वाले कारक, समविभव पृष्ठ, विद्युत् क्षेत्र में आवेशित कण की गति, स्थैत – विद्युत् स्थितिज ऊर्जा, एक बिंदु आवेश की स्थितिज ऊर्जा,

दो आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा, अनेक आवेशों के निकाय की स्थितिज ऊर्जा, द्विध्रुव की स्थितिज ऊर्जा, गॉस के नियम के कुछ अनुप्रयोग, एकसमान आवेशित खोखले गोलीय चालक के कारण विभव विद्युत् क्षेत्र, एकसमान आवेशित ठोस गोल चालक के कारण विद्युत् विभव तथा विद्युत् क्षेत्र, एकसमान आवेशित बेलनाकार या रेखीय चालक के कारण विद्युत् क्षेत्र तथा विभवांतर, एकसमान आवेशित समतल कुचालक चादर के समीप विद्युत् क्षेत्र तथा विभवांतर|

धारिता (Capacitance) – चालक एवं विद्युत् रोधी चालक में स्वतंत्र एवं बद्ध आवेश की उपस्थिति, एकसमान विद्युत् क्षेत्र चालक गोला, परावैद्युत माध्यम तथा परावैद्युतांक, परावैद्युत के प्रकार, परावैद्युत ध्रुवण D, E तथा P में सम्बन्ध, चालक की धारिता, विलगित (अथवा पृथक्कृत) गोली चालक की धारिता, किसी चालक की धारिता को प्रभावित करने वाले कारक, संधारित्र का सिद्धांत, संधारित्र की धारिता, समांतर प्लेट संधारित्र समांतर प्लेट संधारित्र की धारिता जबकि आंशिक माध्यम परावैद्युत तथा शेष माध्यम वायु है|

आवेशित समांतर प्लेट संधारित्र की प्लेटों के मध्य परावैद्युत माध्यम भरने का प्रभाव, संधारित्रों का संयोजन, आवेशित चालक की ऊर्जा, संधारित्र में संचित ऊर्जा, समांतर प्लेट संधारित्र में ऊर्जा घनत्व, आपस में संबंधित दो आवेशित चालकों (या संधारित्रों) के बीच आवेश का पूर्णर्वीतरण, आवेशों के पूर्णवितरण में ऊर्जा की हानि, वान – डी – ग्राफ जनित्र|


Unit 2 Current Electricity धारा विघुत॒

👉 3. धारा विघुत॒ (Current Electricity) –  विद्युत धारा, धारा, धारा घनत्व, विद्युत् धारा की किसी चालक में प्रवाह, अनुगमन या अपवाह वेग, धारा तथा अनुगमन वेग के संबंध, ओह्म का नियम, विद्युत् प्रतिरोध, किसी चालक के प्रतिरोध को प्रभावित करने वाले कारक, विद्युत् चालकता, विशिष्ट प्रतिरोध (या प्रतिरोधकता) तथा विशिष्ट चालकता, मुक्त इलेक्ट्रॉनों के अनुगमन वेग के आधार पर चालक का विशिष्ट प्रतिरोध, गतिशीलता, अतिचालकता, ओह्मीय (या रेखीय) तथा अन – ओह्मीय (या अरेखिय) प्रतिरोध, प्रतिरोध एवं विशिष्ट प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव,

प्रतिरोध पर ताप का प्रभाव, विशिष्ट प्रतिरोध तथा चालकता पर ताप का प्रभाव, प्रतिरोधों का संयोजन, श्रेणी संयोजन, समांतर संयोजन विद्युत् ऊर्जा तथा विद्युत् शक्ति, विद्युत् संयन्त्रों की रेटिंग, फ्यूज तार, थर्मिस्टर या तापीय प्रतिरोध, थर्मिस्टर के अनुप्रयोग, कार्बन प्रतिरोध तथा कार्बन प्रतिरोध का वर्ण कोड, विद्युत् सेल, विद्युत् सेल के प्रकार, सेल का विद्युत् – वाहक बल तथा विभवांतर, सेल का आंतरिक प्रतिरोध, विद्युत् – वाहक बल, विभवांतर, तथा आंतरिक प्रतिरोध में संबंध, सेलों का संयोजन, सेलों का श्रेणी संयोजन, सेलों को समांतर संयोजन, सेलों का मिश्रित संयोजन,

किरचॉफ के नियम, ह्रीटस्टोन सेतु का सिद्धांत, मीटर सेतु तथा इसकी सहायता से तार के प्रतिरोध का मापन, विभवमापी, विभवमापी की वोल्टमीटर से श्रेष्ठता, विभवमापी की सुग्राहिता, विभवमापी के प्रयोगात्मक उपयोग, विभवमापी द्वारा दो सेलों के विद्युत् – वाहक बलों की तुलना करना, विभवमापी द्वारा सेल का आंतरिक प्रतिरोध ज्ञात करना|


Unit 3 Magnetic Effects of Current and Magnetism धारा का चुम्बकीय प्रभाव तथा चुम्बकत्व

👉 4. गतिमान आवेश एवं चुम्बकत्व (Moving Charges and Magnetism) – चुंबकीय क्षेत्र की अवधारणा, ऑस्र्टेड का प्रयोग, ऐम्पियर का तैरने का नियम, बायो सावार्ट का नियम, विद्युत् – धारा के मात्रक, सीधे धारावाही तार द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र, धारावाही चालक से उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्र की दिशा ज्ञात करने के नियम, मैक्सवेल का कॉर्क – स्क्रु नियम, दायें हाथ की हथेली का नियम, वृत्ताकार धारावाहिक कुंडली के केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र, वृत्ताकार मार्ग में गतिमान आवेश के कारण केंद्र पर चुंबकीय क्षेत्र,

वृत्ताकार धारावाहिक कुंडली के अक्ष पर स्थित किसी बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र, लंबी धारावाही परिनालिका के भीतर चुम्बकीय क्षेत्र, एम्पियर का परिपथीय अथवा रेखीय समाकलन नियम, एम्पियर के नियम के अनुप्रयोग, अनन्त लम्बाई के ऋजु धारावाही चालक के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, ऐंकर वलय या टोरोइड के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, लम्बे बेलनाकार धारावाही तार के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, लम्बी धारावाही परिनालिका के कारण चुम्बकीय क्षेत्र, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान आवेश पर लगने वाला बल, लॉरेन्ज बल, लॉरेन्ज बल की दिशा ज्ञात करने के नियम,

चुम्बकीय क्षेत्र में आवेशित कण की गति, विद्युत् तथा चुम्बकीय क्षेत्र में आवेशित कण की गति, वेग वरणक, साइक्लोट्रॉन, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही चालक पर बल, दायें हाथ की हथेली का नियम, फ्लेमिंग का बायें हाथ का नियम, दो समान्तर धारावाही चालकों के मध्य बल, ऐम्पियर की परिभाषा, एकसमान चुम्बकीय क्षेत्र में धारावाही कुण्डली पर बल आघूर्ण, चल कुण्डली धारामापी, निलम्बित कुण्डली धारामापी, किलकित कुण्डली धारामापी, चल कुण्डली धारामापी की सुग्राहिता, धारामापी को अमीटर में बदलना, धारामापी को वोल्टमीटर में बदलना |

👉 5. चुम्बकत्व एवं द्रव्य (Magnetism and Matter) – चुंबक तथा इसके गुण, चुंबकीय द्विध्रुव तथा द्विध्रुव आघुर्ण, धारा लूप चुंबकीय द्विध्रुव के रूप में, परिक्रमण करते इलेक्ट्रॉन का चुंबकीय द्विध्रुव आघूर्ण, चुंबकीय क्षेत्र तथा चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता, चुंबकीय द्विध्रुव के कारण चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता, चुंबकीय द्विध्रुव की अनुदैर्घ्य दिशा (या अक्षीय स्थिति) में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता, चुंबकीय द्विध्रुव की निरक्षीय स्थिति (या अनुप्रस्थ शिक्षा) में चुंबकीय क्षेत्र की तीव्रता,

एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में चुंबकीय द्विध्रुव (दंड चुंबक) पर बल आघूर्ण, चुंबकीय क्षेत्र में चुंबक को घुमाने में किया गया कार्य तथा चुंबक की स्थितिज ऊर्जा, दंड चुंबक के तुल्य धारावाही परिनालिका, पृथ्वी का चुंबकीय क्षेत्र, पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का करण, पृथ्वी के चुंबकत्व के चुंबकीय अवयव, पृथ्वी के चुंबकत्व के अवयवों V, H, I और V, H, में संबंध,

पृथ्वी के चुम्बकीय अवयवों में परिवर्तन, पृथ्वी की चुम्बकीय रेखाएँ, चुम्बकन क्षेत्र, चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व, चुम्बकन तीव्रता तथा चुम्बकीय प्रवृत्ति, प्रतिचुम्बकीय, अनुचुम्बकीय तथा लौह चुम्बकीय पदार्थ, विद्युत् चुंबक विद्युत् चुंबक की सामर्थ्य को प्रभावित करने वाले कारक, स्थायी चुंबक, स्थायी चुंबक की तुलना में विद्युत् चुंबक की श्रेष्ठता।


Unit 4 Electromagnetic Induction and Alternating Currents वैघुट चुम्बकीय प्रेरण तथा प्रत्यावर्ती

👉 6. विघुत॒ – चुम्बकीय प्रेरण (Electromagnetic Induction) – चुंबकीय फ्लक्स विद्युत् – चुंबकीय प्रेरण संबंधित फैराडे के प्रयोग और इसके निष्कर्ष, विद्युत् – चुंबकीय प्रेरण के फैराडे के नियम, लेंज का नियम तथा फ्लेमिंग का दायें हाथ का नियम, एकसमान चुंबकीय क्षेत्र में गतिमान चालक में प्रेरित विद्युत वाहक बल, भँवर धाराएँ, भँवर धाराओं का प्रायोगिक प्रदर्शन, भँवर धाराओं से हानि तथा इन्हें रोकने के उपाय, भँवर धाराओं के उपयोग,

स्वप्रेरण, स्वप्रेरण गुणांक अथवा स्वप्रेकत्व, समतल वृत्ताकार कुंडली का स्वप्रेरकत्व, धारावाही परिनालिका का स्वप्रेकत्व, दो प्रेरक कुंडलियों का श्रेणीक्रम तथा समांतर क्रम में तुल्य स्वप्रेकत्व, स्वप्रेरण प्रभाव के कुछ उदाहरण, अन्योन्य प्रेरण, अन्योन्य प्रेरण गुणांक या अन्योन्य प्रेरकत्व, दो समतल वृत्ताकार कुंडलियों के बीच अन्योन्य् प्रेरकत्व, दो समअक्षीय लंबी परिनालिकाओं के बीच अन्योन्य प्रेरकत्व, स्वप्रेरण तथा अन्योन्य प्रेरण में अंतर, दो कुंडलियों स्वप्रेरकत्व तथा अन्योन्य प्रेरकत्व में सम्बन्ध, विस्थापन विद्युत् धारा की आवश्यकता|

👉 7. प्रत्यावर्ती धाराएँ (Alternating Current) – प्रत्यावर्ती धाराएँ, प्रत्यावर्ती धारा से संबंधित कुछ परिभाषाएँ, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में विभावान्तर तथा धारा के बीच कलान्तर, प्रत्यावर्ती विभावान्तर तथा धारा के शिखर मान, औसत मान तथा वर्ग माध्य मूल मान, प्रत्यावर्ती धारा तथा दिष्ट धारा में अंतर, प्रतिरोध, प्रतिघात तथा प्रतिबाधा, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जबकि परिपथ में केवल ओह्मीय प्रतिरोध है,

प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जबकि परिपथ में केवल संधारित्र लगा है, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जबकि परिपथ में केवल प्रेरण कुण्डली हो, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जिसमें प्रतिरोध R व प्रेरकत्व L दोनों हों R – L परिपथ, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जिसमें प्रतिरोध R व धारित C दोनों हों R – C परिपथ, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जिसमें प्रेरकत्व L व धाराता C दोनों हों, L – C परिपथ,

प्रत्यावर्ती धारा परिपथ जिसमें प्रतिरोध R, प्रेरकत्व L व धारिता C तीनों हों, R – L – C परिपथ| अनुनादी परिपथ व इनकी विशेषताएँ, श्रेणी अनुनादी परिपथ, विशेषता गुणांक या Q गुणांक या गुणता कारक, समानता अनुनादी परिपथ, प्रत्यावर्ती धारा परिपथ की शक्ति, वाटहीन धारा, चोक कुण्डली, L – C परिपथ में दोलन, ट्रांसफॉर्मर, ट्रांसफार्मर में ऊर्जा क्षय, ट्रांसफॉर्मर के उपयोग, अपचाई तथा उच्चायी ट्रांसफॉर्मर, में अंतर ए. सी. जनित्र या डायनामो, दिष्ट धारा मोटर, मोटर में विरोधी विद्युत – वाहक बल ए. सी. जेनरेटर तथा दिष्ट धारा मोटर में अंतर|


Unit 5 Electromagnetic Waves वैघुट चुम्बकीय तरंगें

👉 8. वैघुट चुम्बकीय तरंगें (Electromagnetic Waves) –  विस्थापन धारा की मूल अवधारणा, विद्युत् – चुंबकीय तरंगों, विद्युत् – चुंबकीय तरंगों की उत्पत्ति, विद्युत् – चुंबकीय तरंगों तथा यांत्रिक (या ध्वनि) तरंगों के अंदर, विद्युत् चुंबकीय तरंगों के गुण, विद्युत् – चुंबकीय स्पेक्ट्रम, गामा किरणें, एक्स किरणें, पराबैंगनी विकिरण दृश्य प्रकाश,

अवरक्त विकिरण, माइक्रो तरंगे, रेडियो तरंगे, विद्युत् – चुंबकीय स्पेक्ट्रम के विभिन्न भागों के उपयोग पृथ्वी का वायुमंडल तथा इसकी विभिन्न पर्तें, विद्युत् – चुंबकीय विकिरणों के लिए पृथ्वी के वायुमंडल का व्यवहार, सूर्य से आने वाले विकिरणों के लिए, पृथ्वी से प्रेषित विकिरणों के लिए, ग्रीनहाउस (अथवा पौधेघर) प्रभाव।


Unit 6 Optics प्रकाशिकी

👉 9. किरण प्रकाशिकी एवं प्रकाशिक यंत्र (Ray Optics and Optical Instruments) – 

किरण प्रकशिकी (Ray Optics) – प्रकाश का परार्वन, परार्वन के नियम, प्रतिबिम्ब, समतल दर्पण से बने प्रतिबिम्ब की विशेषताएँ, गोलीय दर्पण सम्बन्धी कुछ परिभाषाएँ, दूरियाँ नापने के लिए निर्देशांक ज्यामिति की चिंह परिपाटी, गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या और उसकी फोकस दुरी में सम्बन्ध गोलीय दर्पण का सूत्र, रेखीय आवर्धन, संयुग्मी फोकस की अवधारणा, बिना स्पर्श किये किसी वस्तु का प्रतिबिम्ब देखकर दर्पणों की पहचान करना, दर्पणों के उपयोग,

प्रकाश का अपवर्तन, अपवर्तन का कारण, अपवर्तन के नियम, अपवर्तनांक,अपवर्तनांक को प्रभावित करने वाले कारक, प्रकाश का उत्क्रमणीयता का सिद्धांत, विभिन्न समांतर माध्यमों से प्रकाश का अपवर्तन, वास्तविक गहराई, आभासी गहराई तथा अपवर्तनांक में संबंध, सघन माध्यम में स्थिर को विरल माध्यम से देखना, विरल माध्यम में स्थिर वस्तु को सघन माध्यम से देखना, दैनिक जीवन में अपवर्तन के कुछ उदाहरण, क्रांतिक कोण, अपवर्तनांक और क्रांतिक कोण में संबंध, पुर्ण आंतरिक परावर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन के कुछ उदाहरण, पूर्ण आंतरिक परावर्तन के उपयोग, पूर्ण परावर्तन प्रिज्म,

प्रकाशित तन्तु, गोलीय पृष्ठ पर प्रकाश का अपवर्तन, उत्तर गोलीय पृष्ठ पर अपवर्तन, अवतल गोलीय पृष्ठ पर अपवर्तन, गोलीय अपवर्तक पृष्ठ के मुख्य फोकस, लेंस तथा लेंस के प्रकार लेंसों से संबंधित कुछ परिभाषाएँ,. दूरियाँ नापने की चिन्ह परिपाटी, पतले लेंस के लिए अपवर्तन का सूत्र, लेंस की फोकस दूरी की माध्यम तथा उसके पृष्ठों वक्रता त्रिज्याओं पर निर्भरता, लेंस सूत्र का निगमन, संयुग्मी फोकस, रेखीय आवर्धन, उत्तल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन,

अवतल लेंस के लिए रेखीय आवर्धन, लेंस की क्षमता, संपर्क में रख दो पतले लेंसों की संयुक्त फोकस दूरी, उत्तल लेंस तथा समतल दर्पण का संयोजन, लेंसों की पहचान, लेंसों के उपयोग, प्रिज्म, प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन, प्रिज्म के पदार्थ के अपवर्तनांक का व्यंजक, प्रकाश का वर्ण विक्षेपण, वर्ण विक्षेपण का कारण, कोणीय वर्ण विक्षेपण, वर्ण विक्षेपण क्षमता तथा इसका व्यजंक, प्रिज्मों के संयोग, विचलन रहित विक्षेपण, विक्षेपण रहित विचलन, प्रकाश का प्रकीर्णन, प्रकीर्णन के प्रभाव, इंद्रधनुष।

प्रकाशिक यन्त्र (Optical Instruments) – मानव नेत्र, निकट दृष्टि दोष, दूर दृष्टि दोष, जरा दृष्टि दोष, दृष्टि वैषम्य, दर्शन कोण, सूक्ष्मदर्शी, सरल सूक्ष्मदर्शी, संयुक्त यौगिक सूक्ष्मदर्शी, यौगिक सूक्ष्मदर्शी की आवर्धन क्षमता बढ़ाने के उपाय, दूरदर्शी, आकाशीय या खगोलीय दूरदर्शी, दूरदर्शी की आवर्धन क्षमता बढ़ाने के उपाय, गैलीलियो दूरदर्शी, गैलीलियो दूरदर्शी की आवधर्वन क्षमता बढ़ाने के उपाय, परावर्ती दूरदर्शी।

👉 10. तरंग प्रकाशिकी (Wave Optics) –  प्रकाश की प्रकृति, हाइगन का तरंग सिद्धांत, तरंगाग्र तथा किरणें, हाइगन का द्वितीयक तरंगिका सिद्धांत, समतल पृष्ठ से परावर्तन की व्याख्या, समतल पृष्ठ पर अपवर्तन की व्याख्या, तरंगों के अध्यारोपण का सिद्धांत, प्रकाश का व्यक्तिकरण, व्यक्तिकरण की गणितीय विवेचना, व्यक्तिकरण की घटना में ऊर्जा संरक्षण, व्यक्तिकरण के लिए आवश्यक शर्तें, कलासंबद्ध स्त्रोत, एकवर्णी प्रकाश स्रोत, व्यक्तिकरण के प्रकार, यंग का द्विस्लिट प्रयोग,

व्यक्तिकरण फ्रीन्जों की स्थितियाँ तथा फ्रीन्ज चौड़ाई, विभिन्न परिस्थितियों में व्यतिकरण चित्र में होने वाले परिवर्तन, यंग के प्रयोग का महत्व, विवर्तन, एकल संकीर्ण स्टील पर प्रकाश का विवर्तन, केंद्रीय उच्चिष्ठ की चौड़ाई, व्यक्तिकरण तथा विवर्तन में अंतर, प्रकाशीय यंत्रों की विभेदन क्षमता, सूक्ष्मदर्शी की विभेदन क्षमता, दूरदर्शी की विभेदन क्षमता, प्रकाश का ध्रुवण, प्रकाश के ध्रुवण का प्रायोगिक प्रदर्शन, अध्रुवित तथा ध्रुवित प्रकाश, अध्रुवित प्रकाश तथा ध्रुवित प्रकाश में अंतर, कम्पन तल तथा ध्रुवण तल,

समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त करना, परावर्तन द्वारा समतल ध्रुवित प्रकाश प्राप्त करना, ब्रूस्टर का नियम, अपवर्तन द्वारा ध्रुवण, द्वि – अपवर्तन द्वारा ध्रुवण, द्विवर्णता द्वारा ध्रुवण, प्रकीर्णन द्वारा प्रकाश का ध्रुवण, पोलेराइड, मैलस का नियम, पोलेराइड के उपयोग|


Unit 7 Dual Nature of Radiation and Matter द्रव्य की द्वैत प्रकृति

👉 11. द्रव्य तथा विकिरण की द्वैत प्रकृति (Dual Nature of Radiation and Matter) – इलेक्ट्रॉन का प्रारंभिक ज्ञान, इलेक्ट्रॉन उत्सर्जन, तापायनिक उत्सर्जन, प्रकाश – विद्युत उत्सर्जन, क्षेत्र उत्सर्जन, द्वितीयक उत्सर्जन, प्रकाश – विद्युत् प्रभाव, लेनार्ड का प्रयोग, प्रकाश – विद्युत् उत्सर्जन की व्याख्या तथा आइंस्टीन का प्रकाश – विद्युत् समीकरण, प्रकाश विद्युत् सेल, फोटो सेल( अथवा प्रकाश – विद्युत् सेल) के उपयोग, द्रव्य तरंगे, डी – ब्रॉग्ली परिकल्पना, डेविसन तथा जर्मन का प्रयोग|


Unit 8 Atoms and Nuclei परमाणु तथा नाभिक

👉 12. परमाणु (Atoms) – परमाणु संरचना, थॉमसन का परमाणु मॉडल, रदरफोर्ड का कण प्रकीर्णन प्रयोग, नाभिक के आकार का आकलन, रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल, बोर का परमाणु मॉडल, बोर्ड मॉडल के अनुसार n वीं कक्षा की त्रिज्या, बोर मॉडल के अनुसार n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की चाल, बोर मॉडल के अनुसार n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन का आवर्तकाल एवं आवृत्ति, बोर मॉडल के अनुसार n वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन की ऊर्जा, (ऊर्जा का क्वाण्टीकरण),

ऊर्जा स्तर आरेख, बोर मॉडल के अनुसार हाइड्रोजन परमाणु की n वीं कक्षा से p वीं कक्षा में इलेक्ट्रॉन संक्रमण के संगत तरंगों की तरंगदैर्ध्य, हाइड्रोजन परमाणु का उत्सर्जन वर्णक्रम, उत्तेजन तथा आयनन ऊर्जा, हाइड्रोजन परमाणु का अवशोषण वर्णक्रम, ऊर्जा संक्रमण से तरंगदैर्घ्य का आकलन, बोर के कक्षा संबंधी क्वाण्टम प्रतिबंध की डी – ब्रॉग्ली द्वारा पुष्टि, बोर के परमाणु मॉडल की कमियाँ।

👉 13. नाभिक (Nuclei) – परमाणु क्रमांक तथा परमाणु द्रव्यमान या द्रव्यमान संख्या, नाभिक का संगtटन, प्रोटॉन, न्यूट्रॉन, समस्थानिक, समभारिक तथा सम्न्यूट्रॉनिक, नाभिक का आकर, नाभिक की त्रिज्या, नाभिक का घनत्व, एकांक आयतन में न्यूक्लिऑन की संख्या, नाभिकीय बल, रेडियोऐक्टिवता, रेडियोऐक्टिव वीकिरणों पर विद्युत् क्षेत्र का प्रभाव,

रेडियोएक्टिव विकिरणों पर चुंबकीय क्षेत्र का प्रभाव, अल्फा, बीटा गामा किरणों के गुण, तथा विकिरण क्षय, रेडियोएक्टिव विघटन का नियम, अर्द्ध आयु, अर्द्ध आयु तथा क्षयांक में संबंध, माध्य आयु, द्रव्यमान ऊर्जा – सम्बन्ध, इलेक्ट्रॉन वोल्ट तथा परमाणु द्रव्यमान मात्रक में सम्बन्ध (अथवा 1 amu के तुल्य ऊर्जा), द्रव्यमान क्षति,

बंधन ऊर्जा, प्रति – न्यूक्लिऑन बंधन ऊर्जा, बंधन ऊर्जा वक्र, नाभिकीय विखंडन, नाभिकीय विखंडन, में श्रृंखला अभिक्रिया, श्रृंखला अभिक्रिया के स्वचालन में कठिनाइयाँ, रेडियोएक्टिव विघटन तथा नाभिकीय विखंडन में अंतर, नाभिकीय रिऐक्टर, नाभिकीय संलयन अथवा तापीय नाभिकीय अभिक्रिया, सूर्य तथा तारों में ऊर्जा का स्त्रोत, नाभिकीय विखंडन तथा नाभिकीय संलयन में अंतर|


Unit 9 Electronic Devices इलेक्ट्रॅनिक युक्तियाँ

👉 14. अर्द्धचालक इलेक्ट्रॅनिकी : सामग्रीयाँ, उपकरण एवं सरल सर्किट (Semiconductor Electronics : Materials, Devices and Simple Circuits) – ठोसों में ऊर्जा बैंड, चालक, कुचालक (या विद्युतरोधी) एवं अर्द्धचालक, अर्द्धचालकों के प्रकार, आंतर या निज अर्द्धचालक, ताप बढ़ाकर आन्तर अर्द्धचालक से धारा प्रवाह, बाह्म या अशुद्ध अर्द्धचालक, N – प्रकार का अर्द्धचालक या दाता, P – प्रकार के अर्द्धचालक या ग्राही, N – तथा P – प्रकार के अर्द्धचालकों में अंतर, अर्द्धचालक की चालकता तथा प्रतिरोधकता,

P- N सन्धि पर अवक्षय पर्त का बनना, विभव प्राचीर तथा प्राचीर वोल्टेज, P- N सन्धि डायोड के अभिलाक्षणिक (I – V) वक्र, डायोड प्रतिरोध, P- N सन्धि डायोड का दिष्टकारी के रूप में उपयोग, अर्द्ध तरंग दिष्टकारी, पूर्ण तरंग दिष्टकारी, प्रकाश उत्सर्जक डायोड, फोटो डायोड, सोलर सेल, जेनर डायोड, जेनर डायोड, जेनर डायोड का वोल्टेज नियामक की भाँति उपयोग,

ट्रांजिस्टर, ट्रांजिस्टर के प्रकार, उभयनिष्ठ उत्सर्जक विधा में NPN ट्रांजिस्टर की कार्य – विधि, उभयनिष्ठ उत्सर्जक विधा में PNP ट्रांजिस्टर की कार्य – विधि, ट्रांजिस्टर के उभयनिष्ठ उत्सर्जक विधा में अभिलाक्षणिक, ट्रांजिस्टर के विभिन्न उपयोग, ट्रांजिस्टर का स्विच की भाँति उपयोग, ट्रांजिस्टर का प्रवर्धक के रूप में उपयोग, ट्रांजिस्टर प्रवर्धक, ट्रांजिस्टर का दौलित्र की भाँति उपयोग,

दौलित्र के रूप में ट्रांजिस्टर का विद्युत् परिपथ, एनालॉग तथा डिजिटल (या अंकीय) सिग्नल, लोजिक गेट॒स, OR गेट, NOT गेट, NAND गेट, NOR गेट, सार्वत्रिक गेट॒स, NAND गेट सार्वत्रिक गुण, NOR गेट का सार्वत्रिक गुण, I. C. का प्रारम्भिक ज्ञान |


Unit 10 Communication Systems संचार व्यवस्थाएँ

👉 15. संचार व्यवस्थाएँ (Communication Systems) –  संचार व्यवस्था में प्रयुक्त कुछ पद, संचार व्यवस्था के अवयव, संचार व्यवस्था के प्रकार, सिग्नल के बैण्ड की चौडाई, प्रेषण माध्यम की बैण्ड चौडाई, विघुत् – चुम्बकीय तरंगो का संचरण, रेडियो तरंगों का वर्गीकरण, रेडियो तरंगों के संचरण की विधियाँ, टेलीविजन सिग्नल का संचरण, टी. वी. ऐण्टिना की ऊँचाई तथा प्रसारण दूरी में संबंध, उपग्रह संचार, रिमोट सेंसिंग या सुदूर संवेदन, मॉडुलेशन तथा इसकी आवश्यकता, मॉडुलेशन के प्रकार,

आयाम मॉडुलेशन, आवृत्ति स्पेक्ट्रम, पाशर्व बैण्ड तथा बैण्ड चौडाई, आयाम मॉडुलेशन के दोष, आवृत्ति मॉडुलेशन, आयाम मॉडुलेशन तथा आवृत्ति मॉडुलेशन में अंतर, पल्स आयाम मॉडुलेशन, आयाम मॉडुलेटेड तरंग का उत्पादन, आयाम मॉडुलित तरंग का संसूचक (या विमॉडुलेशन), इण्टरनेट की मूल अवधारणा, मोबाइल टेलीफोन, वैश्विक स्थैतिक निकाय।

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