कक्षा 12वीं रसायन विज्ञान सिलेबस | class 12th chemistry syllabus

class 12th chemistry syllabus – इस पोस्ट में हम कक्षा 12वीं के रसायन विज्ञान विषय ( Chemistry Syllabus ) को पढ़ेंगे | यदि आप भी विज्ञान विषय के स्टूडेंट्स है और पढ़ना चाहते है की रसायन विज्ञान में हमने कौन कौन से टॉपिक पढ़ना होगा तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है |

class 12th chemistry syllabus
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chemistry class 12 chapter

  • 1 Solid State ठोस अवस्था
  • 2 Solutions विलयन
  • 3 Electrochemistry वैघुत – रसायन
  • 4 Chemical Kinetics रासायनिक बलगतिकी
  • 5 Surface Chemistry सतह रसायन
  • 6 General Principles and Processes of Isolation of Elements तत्वों के वियोजक के सामान्य सिद्धान्त और प्रक्रम
  • 7 p-Block Elements (Elements of Group 15 & 16 ) p – ब्लॉक के तत्व (समूह 15 व 16 के तत्व)
  • 8 p-Block Elements (Elements of Group 17 & 18 ) p – ब्लॉक के तत्व (समूह 17 व 18 के तत्व)
  • 9 d- and ƒ- Block Elements d – एवं ƒ – ब्लॉक के तत्व
  • 10 Co – ordination Compounds उप – सहसंयोजी यौगिक
  • 11 Haloalkanes and Haloarenes हैलोऐल्केन्स तथा हैलोऐरीन्स
  • 12 Alcohols, Phenols and Ethers ऐल्कोहॉल, फीनॉल और ईथर
  • 13 Aldehydes, Ketones And Carboxylic Acids ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल
  • 14 Organic Compounds Cotaining Nitrogen नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक
  • 15 Bio – Molecules जैव – अणु
  • 16 Polymers बहुलक
  • 17 Chemistry in Everyday Life दैनिक जीवन में रसायन

class 12th chemistry syllabus

कक्षा 12 वीं के रासायन विज्ञान में निम्न टॉपिक पढ़ना होगा –

👉 1. ठोस अवस्था (Solid State) – क्रिस्टलीय एवं अक्रिस्टलीय ठोस, विभिन्न बन्धन बलों के आधार पर ठोसों का वर्गीकरण, आवनिक, आण्विक, सहसंयोजी एवं धात्विक ठोस, द्विविमीय एवं त्रिविमीय जालकों में एकक सेल, धनीय एकक सेल में प्रति एकक परमाणु संख्या, इकाई सेल के घनत्व की गणना, ठोसों में संतुलन, द्विविमीय निविड संकुलन एवं त्रिविमीय निविड sankuसंकुलन, संकुलन दक्षता, रिक्तियाँ, समचतुश्फलकिय एवं अष्टफलकीय, ठोसों में अपूर्णता, बिंदु दोष – रससमीकरणमितीय, अससमीकरणमितीय, एवं अशुद्धि दोष, विघुतीय एवं चुम्बकीय गुण, धातुओं का बैण्ड सिद्धान्त, अर्द्ध चालकों में चालकता वृद्धि व कुचालकों का अर्द्धचालकत्व|

👉 2. विलयन (Solutions) – विलयनों के प्रकार, विलयन की भौतिक अवस्था के आधार पर, सान्द्रता के आधार पर, विलयनों की सान्द्रता वयक्त करना, प्रतिशतता, ग्राम प्रति लीटर सान्द्रता, मोललता, नॉर्मलता, मोल प्रभाज, फॉर्मलता, द्रव्यमान प्रभाज एवं पी पी एम में सान्द्रता, द्रर्वो में गैसों की विलेयता, द्रव में गैस की विलेयता की प्रभावित करने वाले कारक, हेनरि नियम की सीमाएँ एवं अनुप्रयोग, ठोस विलयन, विलयनों के अणुसंख्य गुणधर्म, वाष्प दाब का आपेक्षिक अवनमन, राउल्ट एवं इसकी सहायता से विलेय का अनुभार ज्ञात करना, क्वथनांक में उन्नयन, हिमांक में अवनमन, परासरण एवं परासरण दाब, तनु विलयनों का सिद्धान्त, विपरीत एवं उत्क्रमण परासरण, असामान्य आण्विक द्रव्यमान, विलेय के अणुओं का संगुणनएवं वियोजन, वाण्ट हॉफ गुणांक|

👉 3. वैघुत – रसायन (Electrochemistry) – कूछ सामान्य पारिभाषिक शब्द, चालक तथा अचालक, ऑक्सीकरण एवं अपचयन, रेडॉक्स अभिक्रियाएँ, वैघुत अपघटनी विलयनों में चालकत्व, ओह्म का नियम, वैघुट अपघटनी चालकता, विशिष्ट चालकता, मोलर चालकता, वैघुत अपघटनी चालकता को प्रभावित करने वाले कारक, सांद्रता के साथ चालकता का विचरण, तनुकरण पर आण्विक चालकता के परिवर्तन का स्पष्टीकरण, कोलरॉश नियम एवं इसके अनुप्रयोग, गैल्वेनिक सेल, डेनियल सेल, वोल्टीय सेल, इलेक्ट्रोड विभव, सेल ला विघुत॒ वाहक बल (EMF), मानक इलेक्ट्रोड विभव, मानक हाइड्रोजन इलेक्ट्रोड, मानक इलेक्ट्रोड विभव का मापन, वैघुत रासायनिक श्रेणी एवं इसके अनुप्रयोग, रासायनिक सेल हेतु नन्स्र्ट समीकरण और इसका रासायनिक सेलों में अनुप्रयोग, नन्स्र्ट समीकरण से साम्य नियतांक, गिब्स ऊर्जा परिवर्तन और सेल के EMF में सम्बन्ध, व्यापारिक सेल, प्राथमिक सेल – शुष्क सेल, द्वितीयक सेल – लैड संचायक सेल व ईंधन सेल| संक्षारण, वर्गीकरण, संक्षारण को प्रभावित करने वाले कारक, संक्षारण के सिद्धान्त, संक्षारण निवारण, वैघुत अपघट॒य एवं वैघुट अपघटनी सेल, वैघुत अपघटन के नियम, फैराडे का प्रथम एवं द्वितीय नियम|

👉 4. रासायनिक बलगतिकी (Chemical Kinetics) – अभिक्रिया का वेग, औसत अभिक्रिया दर, अभिक्रिया की तात्क्षणिक दर, अभिक्रिया दर का प्रायोगिक निर्धारण, अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले कारक, अभिक्रिया वेग की सान्द्रता पर निर्भरता, वेग नियम तथा वेग नियतांक, अभिक्रिया की आन्विकता एवं कोटि, समाकलित दर समीकरण, शून्य कोटि की अभिक्रियाएँ, प्रथम कोटि की अभिक्रियाएँ, अभिक्रिया का अर्द्ध आयुकाल, छदमया आभासी प्रथम कोटि अभिक्रियाएँ, दर स्थिरांक या अभिक्रिया वेग की ताप पर निर्भरता – आरहीनियस समीकरण, अभिक्रिया वेग व दर नियतांक की ताप पर निर्भरता की व्याख्या, सक्रिमण ऊर्जा तथा देहली ऊर्जा की अवधारणा, सक्रिमण ऊर्जा का निर्धारण, अभिक्रिया वेग पर उत्प्रेरक का प्रभाव, रासायनिक अभिक्रिया का अणु टक्कर (संघट॒ट) सिद्धान्त|

👉 5. सतह रसायन (Surface Chemistry) – सतह (पृष्ठ) अधिशोषण, भौतिक एवं रासायनिक अधिशोषण, अधिशोषण की एन्थैल्पी, ठोसों के द्वारा गैसों का अधिशोषण, ठोसों के द्वारा गैसों के अधिशोषण, को प्रभावित करने वाले कारक, अधिशोषण के अनुप्रयोग। उत्प्रेरण, उत्प्रेरण के प्रकार, उत्प्रेरणकों के प्रमुख गुण उत्प्रेरण के सिद्धांत, समांगी एवं विषमांगी उत्प्रेरण, ठोस उत्प्रेरकों की महत्वपूर्ण विशेषताएँ अथवा पसन्द पर आधारित उत्प्रेरकों की क्रियाशीलता। एन्जाइम उत्प्रेरक , एन्जाइम उत्प्रेरक के अभिलक्षण एवं क्रियाविधि। कलिल प्रावस्था, कोलॉइडी निकाय के कुछ गुण, कोलॉइडी तंत्रों के वर्गीकरण, द्रवस्नेही तथा द्रवविरोधी कोलॉइडों मैं अंतर बहूआण्विक एवं वृहत आण्विक कोलॉइड, कोलॉइडी विलयन बनाने की विधि, कोलॉइडी विलयनों का शुद्धिकरण, कोलॉइडी विलयनों के गुण तथा टिण्डल प्रभाव, ब्राउनी गति वैद्युत कण संचलन, स्कन्दन या ऊर्णन। पायस , पायस का बनाना, पायस के प्रकार का परीक्षण, पायस के गुण व अनुप्रयोग, वास्तविक तथा कोलॉइडी विलयनों में अन्तर।

👉 6. तत्वों के वियोजन के सामान्य सिद्धान्त और प्रक्रम (General Principles and Processes of Isolation of Elements) – स्थलमण्डल में तत्व, जलमंडल में तत्व, जीवों, समुद्र में तत्व, धातु निष्कर्षण के सिद्धान्त, ऊष्मागतिकी सिद्धान्त एवं विद्युत् रासायनिक सिद्धान्त, धातु निष्कर्षण की विधियाँ, अयस्कों का सान्द्रण, धातु की प्राप्ति – अपचयन, विद्युत् अपघटनी एवं अवक्षेपण विधि, धातु का शोधन, कुछ धातुओं का निष्कर्षण, ऐलुमिनियम – उपस्थिति एवं निष्कर्षण, कॉपर – उपस्थिति एवं निष्कर्षण, जिंक – उपस्थिति एवं निष्कर्षण, आयरन (लोहा) उपस्थिति एवं ढलवाँ लोहे का निष्कर्षण, पीटवाँ लोहा|

👉 7. p – ब्लॉक के तत्व (समूह 15 व 16 के तत्व) [p – Block Elements (Elements of Group 15 & 16 )] – समूह पन्द्रह के तत्व: सामान्य परिचय, नाइट्रोजन तथा समूह के अन्य तत्वों में भेद, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, प्राप्ति स्थान (उपस्थिति) भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों में प्रवृत्तियाँ (क्रमिकता), नाइट्रोजन, बनाने की विधियाँ, गुण एवं उपयोग, नाइट्रोजन के यौगिक, अमोनिया – बनाने की विधियाँ, औद्योगिक निर्माण, गुण, संचालन एवं उपयोग, नाइट्रिक अम्ल – बनाने की विधिया, गुण, उपयोग एवं संचालन, नाइट्रोजन के ऑक्साइड एवं उनकी संरचना, फॉस्फोरस, अपररूप – श्वेत या पीला, लाल एवं काला फॉस्फोरस, फॉस्फोरस के यौगिक, फॉस्फीन बनाने की विधियाँ, गुण एवं उपयोग, फॉस्फोरस के हैलाइड एवं ऑक्सी अम्ल का सामान्य अध्ययन| समूह सोलह के तत्व : सामान्य परिचय, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, प्राप्ति स्थान या उपस्थिति, भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों में प्रवृत्तियाँ (क्रमिकता), डाई ऑक्सीजन, बनाने की विधियाँ, औद्योगिक निर्माण, गुण एवं उपयोग, सरल ऑक्साइड, बनाने की विधियाँ एवं वर्गीकरण, ओजोन, बनाने की विधियाँ,. गुण एवं उपयोग, सल्फर, गन्धक के गुण, उपयोग एवं अपररूप, गंधक के यौगिक, सल्फर डाइऑक्साइड – बनाने की विधियाँ, भौतिक एवं रासायनिक गुण, उपयोग एवं संरचना, सल्फ्यूरिक अम्ल, बनाने की विधियाँ, निर्माण – सीस कक्ष विधि एवं संपर्क विधि, गुण उपयोग एवं संरचना, सल्फर के ऑक्सी अम्लों की प्रारंभिक धारणा|

👉 8. p – ब्लॉक के तत्व (समूह 17 व 18 के तत्व) [p – Block Elements (Elements of Group 17 & 18 )] – समूह 17 के तत्व: सामान्य परिचय, प्राप्ति स्थान या उपस्थिति, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, ऑक्सीकरण अवस्थाएँ, भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों में प्रवृतियाँ( क्रमिकता), हेलोजेन के यौगिक, क्लोरीन – बनाने की विधियाँ, गुण एवं उप्रयोग, हाइड्रोक्लोरिक अम्ल – बनाने की विधियाँ, गुण एवं उपयोग, अंतरा – हैलोजन या इंटर हैलोजन यौगिक – बनाने की विधियाँ, गुण एवं संरचना, हैलोजन की ऑक्सीअम्ल का सामान्य परिचय में संरचना| समूह 18 के तत्व: सामान्य परिचय, आवर्त सारणी मे उत्कृष्ट गैसों की स्थिति, प्राप्ति स्थान, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, भौतिक एवं रासायनिक गुणधर्मों में प्रवृत्तियाँ (क्रमिकता) एवं उपयोग|

👉 9. d – एवं ƒ – ब्लॉक के तत्व (d – and ƒ – Block Elements) – d – ब्लॉक के तत्व: सामान्य परिचय, प्राप्ति स्थान, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, संक्रमण धातुओं की विशेषताएँ प्रथम पंक्ति की संक्रमण धातुओं के गुणधर्मों के में सामान्य प्रवृत्तियाँ(क्रमिकता) तथा धात्विक लक्षण, परमाण्विक आयनिक क्रियाएँ, आयनीकरण एंथैल्पी, इलेक्ट्रोड विभव, ऑक्सीकरण अवस्थाएँ, रंग, उत्प्रेरकीय गुण, चुंबकीय गुण, अन्तराकाशी यौगिक, मिश्र धातु एवं संकुल निर्माण, पोटैशियम डाइक्रोमेट, बनाने की विधियाँ, गुण एवं उपयोग, पोटैशियम परमैगनेट, बनाने की विधियाँ, गुण एवं उपयोग| लैन्थेनाइड, इलेक्ट्रॉनिक संरचना, ऑक्सीकरण अवस्था, रासायनिक क्रियाशीलता, लैन्थेनाइड संकुचन व इसके कारक एवं प्रभाव, लैन्थेनाइडों के उपयोग| ऐक्तिनाइड, इलेक्ट्रॉनिक विन्यास, ऑक्सीकरण अवस्था, लैन्थेनाइडों तथा ऐक्तिनाइडों की तुलना, ऐक्तिनाइडों के उपयोग, संक्रमण (d – ब्लॉक) तथा आन्तर – संक्रमण (ƒ – ब्लॉक) तत्वों की तुलना

👉 10. उप – सहसंयोजी यौगिक (Co – ordination Compounds) – सामान्य परिचय, उपसंयोजी रसायन में प्रमुख शब्दावली – संकुल आयन, केंद्रीय धातु आयन, संलग्नी (लिंगण्ड), समन्वय परिसर, कीलेट, उप- संयोजी संख्या, उप – सहसंयोजी यौगिकों का IUPAC नामकरण, उपसहसंयोजी यौगिकों में समावयवता, संरचनात्मक एवं त्रिविम समावयवता, उप – सहसंयोजी यौगिकों में आबंधन, वर्नर का उपसहसंयोजी यौगिकों का सिद्धांत, व इसके पक्ष में प्रेरणात्मक तथ्य, वर्नर सिद्धांत की इलेक्ट्रॉनिक व्याख्या, संयोजकता बंध सिद्धांत, उपसंयोजन संख्या – 6 एवं 4 वाले यौगिक, VBT के आधार पर उपसहसंयोजी यौगिकों की आकृति का निर्धारण एवं चुंबकीय गुणों का निर्धारण, संयोजकता बंध सिद्धांत की कमियाँ, क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धांत (CFT), ‘d’ कक्षकों क्रिस्टल क्षेत्र विघटन, CFT द्वारा संकुलों के स्थायित्व का निर्धारण एवं संकुलों के रंग एवं चुंबकीय गुणों की व्याख्या, क्रिस्टल क्षेत्र सिद्धांत की सीमाएँ, उप – संयोजक यौगिकों का महत्व – गुणात्मक विश्लेषण, धात्विक शोधन, जैविक प्रक्रमों,. विद्युत् लेपन, जलशोधन एवं भारात्मक आकलन में, कार्बधात्विक यौगिक, वर्गीकरण, आबन्धन, संश्लेषण एवं अनुप्रयोग|

👉 11. हैलोऐल्केन्स तथा हैलोऐरीन्स (Haloalkanes and Haloarenes) – हैलोऐल्केन्स (ऐल्किल हैलाइ॒स) : नामकरण समावयवता, बनाने की विधियाँ, C – X आबंध की प्रकृति, भौतिक एवं रासायनिक गुण – एवं रासायनिक गुण – नाभिकस्नेही प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्रियाविधि सहित, विलोपन व धातुओं के साथ क्रिया, बहुहैलोजेन यौगिक डाइहैलोजेन – डाइक्लोरो ऐथेन व डाइक्लोरो ऐथीन की बनाने की विधियाँ एवं सामान्य गुण, ट्राइ हैलोजेन यौगिक – क्लोरोफॉर्म व आयोडोफ्रॉर्म की बनाने की विधियाँ एवं सामान्य गुण टेट्रा हैलोजन यौगिक – कार्बन टेट्रा क्लोराइड, व फ्रीऑन का सामान्य परिचय| हैलोऐरीन्स: नामकरण बनाने की विधियाँ, C – X आबंधन की प्रकृति, भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण – नाभिक स्नेही प्रतिस्थापन, वुर्टज फिटिग, उलमान संश्लेषण, इलेक्ट्रोफिलिक ऐरोमैटिक प्रतिस्थापन आदि,हैलोजेन के o- एवं p- दिशिक प्रभाव स्पष्टीकरण, पार्श्व श्रृंखला हैलोजेन प्रतिस्थापित यौगिकों में अंतर डी. डी. टी. एवं बी. एच. सी. कुछ महत्वपूर्ण हैलाइडों के उपयोग एवं पर्यावरणीय प्रभाव – डाइक्लोरोमेथेन, ट्राइक्लोरोमेथेन, आयोडोफॉर्म, टेट्राक्लोरोमेथेन, फ्रीऑन डी. डी. टी. B. H. C.

👉 12. ऐल्कोहॉल, फीनॉल और ईथर (Alcohols, Phenols and Ethers) – ऐल्कोहॉल: नामकरण समावयवता, बनाने की सामान्य विधियाँ, भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण – एस्टरीकारण, ऐसेलिकरण, निर्जलन, क्रियाविधि सहित, विहाइड्रोजनीकारण आदि, प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक ऐल्कोहॉलों में परस्पर पहचान, व्यापारिक दृष्टि से के महत्वपूर्ण कुछ ऐल्कोहॉल – मेथिल ऐल्कोहॉल, एथिल ऐल्कोहॉल का निर्माण एवं उपयोग। ऐरोमैटिक हाइड्रॉक्सी यौगिक, फीनॉल: बनाने की विधियाँ, भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण – अमलीय स्वभाव, इलेक्ट्रोफिलिक प्रतिस्थापन (नाइट्रीकरण, सल्फोनीकरण व हैलोजेनीकरण) अभिक्रिया, लीवरमैन नाइट्रोसो अभिक्रिया कोल्बेश्मिट अभिक्रिया रिमर टीमैन अभिक्रिया, ऑक्सीकरण, संघनन आदी एवं उपयोग| ईथर: नामकरण, समावयवता, बनाने की सामान्य विधियाँ भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण, डाइएथिल ईथर – प्रयोगशाला में बनाने की विधि एवं उपयोग|

👉 13. ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं कार्बोक्सिलिक अम्ल (Aldehydes , Ketones and Carboxylic Acids) – ऐल्डिहाइड एवं कीटोन : नामकरण, समावयवता, कर्बोनिल समूह की संरचना, बनाने की सामान्य विधियाँ, भौतिक गुण एवं रासायनिक गुण – नाभिक – स्नेही योगात्मक अभिक्रियाएँ, α – हाइड्रोजन की अम्लता, अपचायक, कैनिजारो अभिक्रिया, बहुलीकरण व क्लोरोफॉर्म के साथ संघनन आदि, कुछ महत्वपूर्ण सदस्य, फॉर्मेल्डिहाइड व ऐसीटैल्डिहाइड बनाने की विधियाँ एवं गुण, ऐरोमैटिक एल्डिहाइड – बेन्जैल्डिहाइड, बनाने की विधि एवं गुण, एसीटोन – बनाने की विधि एवं गुण, ऐरोमैटिक कीटोन – ऐसीटोफीनोन बनाने की विधियाँ एवं गुण उपयोग| कार्बोक्सिलिक अम्ल : मोनो कार्बोक्सिलिक अम्ल – नामकरण, समावयवता, सामान्य गुण, औद्योगिक उपयोग के कुछ महत्वपूर्ण कार्बोक्सिलिक यौगिक, फॉर्मिक अम्ल, ऐसीटिक अम्ल, ऐरोमैटिक कार्बोक्सिलिक अम्ल – बेन्जोइक अम्ल की बनाने की सामान्य विधियाँ, एवं गुण उपयोग|

👉 14. नाइट्रोजन युक्त कार्बनिक यौगिक (Organic Compounds Containing Nitrogen) – नाइट्रो यौगिक : बनाने की विधियाँ, भौतिक गुण, रासायनिक गुण एवं उपयोग, ऐल्किल नाइट्राइट और नाइट्रो ऐल्केन में अन्तर, ऐरोमैटिक नाइट्रो यौगिक – नाइट्रीकरण की विधियाँ अथवा ऐरोमैटिक नाइट्रो यौगिक बनाने की सामान्य विधियाँ, भौतिक गुण, नाइट्रोबेन्जीन बनाने की प्रयोगशाला विधि| ऐमीन: नामकरण, समावयवता, बनाने की विधियाँ, भौतिक गुण व रासायनिक गुण – क्षारकीय प्रकृति, ऐल्किलीकरण, ऐसिलिकरण, कार्बिल ऐमीन अभिक्रिया, हॉफमैन मस्टर्ड तेल अभिक्रिया, ऑक्सीकरण आदि, प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक ऐमीन की एक – दूसरे से पहचान, एलिफैटिक ऐमीन, एथिल ऐमीन बनाने की प्रयोगशाला विधि, प्राथमिक एरोमैटिक ऐमीन (ऐनिलीन), बनाने की सामान्य विधि, सामान्य गुण एवं उपयोग| साइनाइड एवं आइसोसायनाइड : ऐल्किल सायनाइड – बनाने की विधियाँ, भौतिक गुण व रासायनिक गुण, ऐल्किल आइसोसायनाइड – बनाने की विधियाँ, भौतिक गुण व रासायनिक गुण| डाइऐजोनियम लवण (बेन्जीन डाइऐजोनियम क्लोराइड) बनाने की विधि, रासायनिक अभिक्रियाएँ एवं डाइऐजोनियम लवण का कार्बनिक संश्लेषण में महत्व |

👉 15. जैव अणु (Bio – Molecules) – कार्बोहाइड्रेट : जैविक कार्य, वर्गीकरण एवं परिक्षण, मोनोसैकेराइड एवं इनके गुण, कुछ प्रमुख मोनोसैकेराइड, ग्लूकोस या द्राक्ष शर्करा – प्राप्ति, भौतिक व रासायनिक गुण एवं संरचना, फ्रक्तोस या फल शर्करा – प्राप्ति, भौतिक व रासायनिक गुण एवं संरचना, डाइसैकेराइड, सुक्रोस, माल्टोस एवं लैक्तोस (दुग्ध शर्करा) – प्राप्ति, गुण व संरचना, पॉलीसैकेराइड, सेलुसोस, स्टार्च एवं ग्लाइकोजन की संरचना एवं उपयोग, कार्बोहाइड्रेटों का महत्व| ऐमीनो अल्म : कुछ प्राकृतिक ऐमीनो अम्लों के नाम एवं संरचना, पेप्टाइड, जैविक महत्व के कुछ पेप्टाइड | प्रोटीन : संघटन, वर्गीकरण, प्राप्ति, विशेषताएँ, परिक्षण, कार्य, उपयोग एवं संरचना – प्राथमिक, द्वितीयक, तृतीयक एवं चतुष्क, प्रोटीन का विकृतीकरण| एंजाइम : गुण, कार्य प्रणाली, अनुप्रयोग, एन्जाइम तथा रोग। हॉर्मोन : वर्गीकरण – स्ट्रेरॉइड एवं अस्ट्रेरॉइड, कुछ हॉर्मोनों के नाम, उद् गम स्थल व कार्य| विटामिन: वर्गीकरण, कुछ महत्वपूर्ण विटामिन के नाम, सूत्र, स्त्रोत, कार्य एवं अभाव में होने वाली बीमारियाँ । न्यूक्लिक अम्ल: न्यूक्लिओसाइड तथा न्यूक्लिओसाइड,न्यूक्लिकअम्लों की संरचना – प्राथमिक व द्वितीयक,DNA की आण्विक संरचना, RNA की संरचना, न्यूक्लिकअम्लों के कार्य, DNA तथा RNA की संरचना और कार्य में अंतर, न्यूक्लिकअम्लों के रासायनिक गुण|

👉 16. बहुलक (Polymers) – वर्गीकरण : श्रृंखला संरचना, श्रृंखला घटक, क्रियाविधि, आण्विक बलों एवं स्त्रोत के आधार पर, प्राकृतिक बहुलक एवं सांश्लेषित बहुलक, बहुलीकरण की विधियाँ – योगात्मक बहुलीकरण एवं योगात्मक बहुलक एवं संघनन बहुलीकरण एवं संघनन बहुलक, सहबहुलीकरण – कुछ सामान्य सह्बहुलक एवं उनके उपयोग, कुछ महत्वपूर्ण सांश्लेषित बहुलक, योगात्मक बहुलक – पॉलीथीन, पीवीसी, तेफ्लॉन एवं PCTFE : संघनन बहुलक – पॉलीएस्टर, पॉलीऐमाइड (नायलॉन – 66 व नायलॉन – 66), फॉर्मेल्डिहाइड रेजिन (बैकेलाइट व मेंलामाइन), जैव निम्नीकरण एवं जैव अनिम्नीकरण बहुलक|

👉 17. दैनिक जीवन में रसायन (Chemistry in Everyday Life) – औषध तथा उनका वर्गीकरण, औषध लक्ष्य अन्योन्य क्रिया – एन्जाइम औषध लक्ष्य की भाँति, ग्राही औषध लक्ष्य की भाँति, औषधियों में रसायन, ज्वरनाशक, दर्द निवारक या पीड़ाहारी, प्रशान्तक, पूतिरोधी एवं रोगाणुनाशी, प्रतिसुक्ष्म जैविक, प्रतिजनन क्षमता या गर्भ निरोधक, प्रति अम्ल एवं प्रतिहिस्टैमिन औषध, विभिन्न औषधियों पौधों में पाये जाने वाले मुख्य सक्रिय अवयवों के नाम एवं रोगों में उनका प्रयोग | खाद॒य पदार्थो में रसायन, पर्यरक्षक या परिरक्षक, कृत्रिम मिठास पैदा करने वाले पदार्थ एवं प्रति ऑक्सीकारकों की प्रारम्भिक धारणा| निर्मलन कर्मक, साबुन – निर्माण, विशेषताएँ एवं स्वच्छीकारक क्रिया, साश्लेषिक अपमार्जक, मृदु एवं कठोर अपमार्जक|

Final Word –तो इस पोस्ट में हमने class 12th chemistry syllabus को पढ़ा | उम्मीद करते है यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण रही होगी | कृपया इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ भी जरुर शेयर करें | और हमारे अगले पोस्ट की अपडेट पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया पर जुड़े |

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