Photosynthesis in Hindi – इस पोस्ट में हम प्रकाश संश्लेषण के बारे में पढ़ेंगे | यदि आप भी जानना चाहते है की प्रकाश संश्लेषण किसे कहते है और प्रकाश संश्लेषण के कारक कौन कौन से है और प्रकाश संश्लेषण की क्रिया विधि क्या है तो यह पोस्ट आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है |
प्रकाश संश्लेषण किसे कहते है | Photosynthesis in Hindi
पौधे में जिस विधि द्वारा भोजन का निर्माण होता है , उसे प्रकाश संश्लेषण कहते है | इस विधि में पौधो की पत्तियों में उपस्थित क्लोरोफिल सूर्य के प्रकाश से उर्जा अवशोषित करके जल और कार्बन डाई आक्साइड की सहायता से गुलकोज के रूप में पौधे कार्बनिक भोजन तैयार करता है | प्रकाश – संश्लेषण की प्रकिया पौधे के हरे भागो में होती है |
प्रकाश संश्लेषण समीकरण – CO2 + H2O ————————— C6H12O6 + O2 +H2O सूर्य का प्रकाश
प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक कच्ची सामग्री
- 1 सूर्य का प्रकाश |
- 2 क्लोरोफिल ( पर्ण हरित ) जो पत्तियों में पाया जाता है |
- 3 CO2 (कार्बन डाई आक्साइड ) स्थानीय पौधे इसे वायुमंडल से प्राप्त करते है |
- 4 जल ( H2O) |
प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक कौन – कौन से है
प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक –
प्रकाश संश्लेषण को बाहरी और आंतरिक दोनों कारक प्रभावित करते है | बाहरी कारक में ताप , प्रकाश की तीव्रता , जल और वायु में CO2 का सांद्रण प्रमुख है |
वायु प्रदुषण प्रकाश संश्लेषण प्रक्रम को बहुत हानी पहुचाती है | वायु प्रदुषण के कारण होने वाली अम्लीय वर्षा से पौधो की पत्तियां झुलस जाती है जिससे उनमे प्रकाश संश्लेषण करने की क्षमता नही रह जाती है |
पर्ण हरित की मात्रा , पत्तियों में अन्य पदार्थो का जमाव और कोशिकाओ की भौतिक – रासायनिक अवस्थाएं प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले आंतरिक कारक है |
👉 1 प्रकाश ( Light ) – लाल और नील रंग के प्रकाश में संश्लेषण की दर सबसे अधिक होती है | इन्फ्रारेड प्रकाश में प्रकाश – संश्लेषण की दर कम हो जाती है | हरे प्रकाश में प्रकाश – संश्लेषण क्रिया की दर सबसे कम होती है | प्रकाश तीव्रता ( INTENSITY OF LIGHT ) बढ़ाते रहने से एक निश्चित सीमा तक प्रकाश – संश्लेषण की दर बढ़ती रहती है |
👉 2 ताप ( Temperature ) – ठण्डी जलवायु में प्रकाश – संश्लेषण 3.5C ताप पर प्रारम्भ हो जाता है लेकिन गर्म जलवायु के पौधे 5C से कम ताप पर प्रकाश – संश्लेषण नही कर पाते है सामान्यतया 10C से 35C ताप तक प्रकाश – संश्लेषण के लिए उपयुक्त होता है | प्रत्येक 10C ताप वृद्धि पर प्रकाश – संश्लेषण क्रिया की दर दोगुनी हो जाती है |
👉 3 कार्बन डाई आक्साइड ( CO2 ) – वायुमंडल में लगभग 0.03% CO2 होती है | CO2 की मात्रा 30 गुनी तक बढाने से क्रिया की दर बढती जाती है लेकिन इससे अधिक CO2 की सांद्रणता क्रिया की दर पर विषेला प्रभाव डालती है |
👉 4 जल ( Water ) – पौधा अवशोषित जल का कुल 1 % प्रकाश – संश्लेषण में काम लाता है | जल की कमी क्रिया पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालती है |
👉 5 आक्सीजन ( O 2 ) – प्रकाश – संश्लेषण क्रिया पर अप्रत्यक्ष प्रभाव डालती है | यह O 2 की अधिक सान्द्रता पर विपरीत प्रभाव डालती है |
प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया को समझाइए
प्रकाश संश्लेषण की क्रिया विधि –
1 प्रकाशीय अभिक्रिया – प्रकाशीय अभिक्रिया का अध्ययन सर्वप्रथम हिल नामक वैज्ञानिक ने किया था | इसलिए इसे हिल अभिक्रिया भी कहते है | प्रकाशीय अभिक्रिया हरित लवकों के ग्रेनम में होती है | प्रकाशीय अभिक्रिया में प्रकाश ऊर्जा का रुपान्तरण रासायनिक ऊर्जा में होता है और यह ऊर्जा ATP में संचित हो जाती है | इस क्रिया को फोटो फास्फोरिलेशन कहते है |
2 अप्रकाशीय अभिक्रिया ( Dark Reaction ) – इस अभिक्रिया में प्रकाश की आवश्यकता नही होती है | इस अभिक्रिया की खोज वैज्ञानिक ब्लेकमेन ने की थी | इन्ही के नाम पर इस अभिक्रिया का नाम ब्लेकमेन पड़ा | यह अभिक्रिया हरित लवक के स्ट्रोमा में होती है |
Final Word – तो इस पोस्ट में हमने पढ़ा प्रकाश संश्लेषण किसे कहते है ( photosynthesis in hindi ) और प्रकाश संश्लेषण को प्रभावित करने वाले कारक कौन कौन से है | उम्मीद करते है यह पोस्ट आपको पसंद आई होगी कृपया इस पोस्ट को अपने साथियों के साथ भी जरुर शेयर करें और हमारे अगले पोस्ट की अपडेट पाने के लिए हमसे टेलीग्राम पर जुड़े |